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चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है।
 माजी से अपने दिल का वह खंडहर आबाद है।।

 रखा है डायरी में वह फूल यूँ ही महफूज़,
 जिसकी खुशबू से दो जहाँ नौशाद है ।

ज़िन्दगी कब्रगाह या  सूना सा सहन है,
 सब लगे  बेमजा तेरे जाने के बाद है।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश

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2 Comments

Varsha_Upadhyay

22-Jul-2023 07:03 PM

बहुत खूब

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